Tuesday 30 May 2017

‘‘यज्ञ करने वाले स्वर्ग को पाते हैं

‘‘यज्ञ करने वाले स्वर्ग को पाते हैं ;इजानाः स्वर्गं यान्ति लोकम्, अथर्ववेद 18,4,2|| तो हकीकत में हम स्वर्ग में ही हैं हर कोई यज्ञ कर रहा है यही तो स्वर्ग है।’’-महाशय धर्मपाल जी प्रधान आर्य केन्द्रीय सभा

‘‘यदि इस तरह यज्ञ होंगे तो पूरा वायु मण्डल प्रदूषण रहित हो जाएगा क्योंकि देशी गाय के घी, समिधा व सामग्री का उचित मात्रा में मन्त्रों के साथ यज्ञ करने से पी.एम. 2.5, पी.एम.10, फगंस, मलेरिया, कैंसर आदि के वैक्टीरिया निम्न स्तर पर पहुंच जाते हैं तथा मानव जीवन सुरक्षित हो जाता है। महर्षि दयानन्द का घर-घर यज्ञ -हर घर यज्ञका सपना इस तरह पूरा हो सकता है जब हर मनुष्य वेद की ऋचाओं द्वारा स्वयं यज्ञ करेंगे।’’ -श्री धर्मपाल आर्य, प्रधान दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा।

‘‘यह मेरे लिए सपने जैसा दृश्य है जब आर्यजन अपने-अपने हवन कुण्ड पर बिना धुएं व अवस्था द्वारा यज्ञ सम्पन्न कर रहे हैं।’’ -श्री रवि देव गुप्ता, प्रधान दक्षिणी दिल्ली वेद प्रचार मण्डल।

‘‘हर आर्य समाज में ऐसे प्रशिक्षण हों तथा सभी व्यक्ति इसी तरह यज्ञ करेंगे तो वैदिक संस्कृति बहुत शीघ्र ही विश्व में अपना परचम लहराएगी।’’ -रवि चड्डा, प्रधान पश्चिमी दिल्ली वेद प्रचार मण्डल।
‘‘जब इस तरह से यज्ञ का वैज्ञानिक महत्त्व आज की युवा पीढ़ी को ज्ञात होगा तथा समय के सद्उपयोग से यज्ञ के इस रूप को देखेंगे तो उन्हें यज्ञ करने में कहीं कोई कठिनाई भी न होगी यही यज्ञ का सच्चा स्वरूप है।’’ -विनय आर्य, महामंत्री विनय आर्य

23  से 27 मई 2017 तक चले एक रूप पारिवारिक यज्ञ प्रशिक्षण शिविर में जोकि आर्य समाज प. पंजाबी बाग एवं एम एम आर्य पब्लिक स्कूल में सम्पन्न हुआ। उपरोक्त मन के उद्गार प्रकट किये गये। इस शिविर में 74 आर्य सदस्यों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। डॉ. ऋषि पाल शास्त्री जी ने वेद मन्त्रों के उच्चारणों के अभ्यास द्वारा शोधन किया तथा इस विधि को विस्तार से समझाया। श्री विनय आर्य ने यज्ञ की हर क्रिया-प्रक्रिया की विस्तार से चर्चा की तथा उचित-अनुचित समझाते हुए, बिना किसी विरोधाभास के इस शिविर को सफल बनाते हुए यज्ञ पर वैज्ञानिक शोधों का विश्लेषण (यज्ञ में प्रयोग होने वाले तत्वों का उचित प्रयोग से महत्त्व व प्रयास) पर हर सम्मिलित सदस्य को जानकारी दी जिसका प्रदर्शन श्री विरेन्द्र सरदाना कार्यकारिणी प्रधान पश्चिमी दिल्ली वेद प्रचार मण्डल, मंच पर बड़े सुन्दर ढंग से प्रस्तुत कर रहे थे। सामग्री में प्रयोग होने वाली औषधीय व तत्वों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।


इस शिविर के महत्त्व को जानने, समझते व देखने हेतु आर्य जगत की विभिन्न गणमान्य सदस्य अपनी शुभकामना सहित पधारे जिनमें श्री प्रकाश आर्य,महामंत्री सार्वदेशिक प्रतिनिधि सभा, डॉ. ममता सक्सेना, श्रीमती ज्योति गुलाटी (एम.डी.एच. ग्रुप), आचार्य अंशुमन प्रधान आर्य प्रतिनिधि सभा, छत्तीसगढ़, श्री सत्यानन्द आर्य, श्री जितेन्द्र बनाती, श्री शत्रुधन लाल ;रांचीद्ध, डॉ. कमल नारायण, श्री अजित कुमार धवन, श्री अशोक महतानी, श्रीमती नंदिता नागपाल, आचार्य देव शर्मा, आचार्य आनन्द स्वरूप, श्री शिव कुमार मदान, श्री अजय तनेजा, श्री मेदन्ता, श्री सुबोध जिन्दल, श्री एस.पी. सिंह। इस शिविर के सफल बनाने में श्री नीरज आर्य (सहसंयोजक), श्री योगेन्द्र आर्य, श्री विजेन्द्र आर्य, श्री अरविन्द नागपाल, श्री सुरेन्द्र चौधरी, श्री सन्दीप आर्य का विशेष योगदान रहा। इस शिविर में भाग लेने वाले सभी आर्यजनों की जलपान व सुविधाओं की एस.एम. आर्य पब्लिक स्कूल की मैनेजमेंट व कार्यकर्ताओं का योगदान सराहनीय रहा उनको साधुवाद। शिविर में पधारे सभी आर्यजनों का धन्यवाद -सतीश चड्डा, शिविर संयोजक।   


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