पिछले
दिनों मुम्बई की सड़क पर दुर्घटना में एक कुत्ते और आदमी की मौत हो गयी थी दुर्घटना
के काफी देर बाद तक उस आदमी के पास से लोग गुजरते तो रहे पर कोई पास नहीं आया| किन्तु
उस मृत कुत्ते के पास एक कुत्ता बैठा पाया| यही हाल उत्तराखंड में देखने को मिला|
शायद इंसानों को संवेदनशीलता के मामले में इन बेजुबान जानवरों से कुछ सीख लेना
चाहिए उत्तराखंड के चंपावत में बंदरों ने इंसानियत की एक ऐसी
मिशाल पेश की जिसे शायद इंसान भी ना पेश कर सके। मगर दुख भरी बात यह रही कि सभी
बंदरों को अपनी जान देनी पड़ी। चंपावत के लोहाघाट रोडवेज कार्यशाला में बने पानी के टैंक में एक बंदर का बच्चा डूबने लगा। यह देखकर 10 बंदर उसे बचाने के लिए
टैंक में कूद गए। फिर बंदर पानी से बाहर नहीं निकल पाए और उनकी मौत हो गई।
सूचना
पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने सभी बंदरों के शवों को बाहर निकाला और
पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बाद में उन्हें रोडवेज कार्यशाला परिसर में दफना
दिया गया। जानकारी के मुताबिक सोमवार की देर शाम एक बंदर का बच्चा अपनी मां से
बिछड़ कर छमनियां स्थित रोडवेज कार्यशाला परिसर में वाहनों की साफ-सफाई के लिए बने
पानी के टैंक में गिर गया, जिसे
बचाने की खातिर अन्य सभी बंदर टैंक में कूद गए।
हालांकि
टैंक में पानी करीब तीन फिट था, लेकिन टैंक की करीब 10 फिट की गहराई होने के
कारण कोई भी बंदर वहां से निकल नहीं पाया। काफी देर तक टैंक में फंसे रहने के कारण
टैंक में डूबे सभी 10 बंदरों की मौत हो गई।..........दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा खबर और चित्र डेली हंट से साभार
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